Monday, 20 September 2021

कहानी - दोस्त का दुःख - कहानीकार - दिव्या गोस्वामी - कक्षा - सातवीं - अ ( केंद्रीय विद्यालय सुबाथू )

 दोस्त का दुःख – लघु कथा


कहानीकार  - दिव्या गोस्वामी  - कक्षा – सातवीं  - अ

प्रेरणा  - अनिल कुमार गुप्ता ( पुस्तकालय अध्यक्ष के वी सुबाथू )


एक समय की बात है रामनगर गाँव में दो दोस्त रहते थे | एक का नाम अमन और दूसरे का नाम रमन | दोनों एक ही विद्यालय में पढ़ते थे | एक दिन उनकी विद्यालय की छुट्टी थी | उन दोनों ने सोचा कि वे माली काका के खेत से जाकर कुछ फल तोड़ लायें  | उन्हें माली काका के खेत में जाना बहुत पसंद था क्योंकि माली काका उन्हें नहीं डांटते थे | वे उन्हें अपना दोस्त मानते थे | शाम के वक्त वे दोनों दोस्त निकल पड़े जैसे ही वो माली काका के खेत में पहुंचे तो जोरों की बारिश होने लगी | और जोर  - जोर से बिजली चमकने लगी | वे दोनों डर गए तभी रमन को नाले की बड़ी सी पाइप दिखी | वे दोनों उसके अंदर छुप गए |

                      थोड़ी देर बाद बिजली और जोरों से चमकने लगी और आसमां से जोरों से बिजली गिरि और चारों ओर धुंआ ही धुंआ हो गया | करीब एक घंटे बाद गाँव के लोग बिजली गिरने वाली जगह पर आ पहुंचे | दोनों दोस्त भी पाइप से बाहर आ गए | जब दोनों दोस्तों ने पास जाकर देखा तो पाया कि बिजली माली काका के ऊपर आ गिरी थी | माली काका इस दुनिया को छोड़कर जा चुके थे | दोनों को इस बात का दुःख था | गाँव वालों की मदद से माली काका का अन्तिम संस्कार किया गया | वे परिवार में अकेले बड़े सदस्य थे उनके परिवार में कोई और बड़ा नहीं था | बच्चे छोटे थे  |  उनके खेतों की देखभाल करने वाला भी कोई नहीं था |

             दोनों दोस्तों ने मिलकर अपने  - अपने पिताजी से बात की और माली काका के परिवार की मदद करने की बात कही | अमन और रमन के माता  - पिता बच्चों की दूसरों की सहायता करने इस उत्तम सोच पर बहुत खुश होते हैं और माली काका के परिवार की मदद को तैयार हो जाते हैं | आज माली काका का परिवार ख़ुशी  - ख़ुशी जीवन जी रहा है |

 

 

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