दोस्त का दुःख – लघु कथा
कहानीकार
- दिव्या गोस्वामी - कक्षा –
सातवीं - अ
प्रेरणा - अनिल कुमार गुप्ता ( पुस्तकालय अध्यक्ष के वी सुबाथू )
एक समय की बात है रामनगर गाँव में दो दोस्त
रहते थे | एक का नाम अमन और दूसरे का नाम रमन | दोनों एक ही विद्यालय में पढ़ते थे
| एक दिन उनकी विद्यालय की छुट्टी थी | उन दोनों ने सोचा कि वे माली काका के खेत से
जाकर कुछ फल तोड़ लायें | उन्हें माली काका
के खेत में जाना बहुत पसंद था क्योंकि माली काका उन्हें नहीं डांटते थे | वे
उन्हें अपना दोस्त मानते थे | शाम के वक्त वे दोनों दोस्त निकल पड़े जैसे ही वो
माली काका के खेत में पहुंचे तो जोरों की बारिश होने लगी | और जोर - जोर से बिजली चमकने लगी | वे दोनों डर गए तभी
रमन को नाले की बड़ी सी पाइप दिखी | वे दोनों उसके अंदर छुप गए |
थोड़ी देर बाद बिजली और
जोरों से चमकने लगी और आसमां से जोरों से बिजली गिरि और चारों ओर धुंआ ही धुंआ हो
गया | करीब एक घंटे बाद गाँव के लोग बिजली गिरने वाली जगह पर आ पहुंचे | दोनों
दोस्त भी पाइप से बाहर आ गए | जब दोनों दोस्तों ने पास जाकर देखा तो पाया कि बिजली
माली काका के ऊपर आ गिरी थी | माली काका इस दुनिया को छोड़कर जा चुके थे | दोनों को
इस बात का दुःख था | गाँव वालों की मदद से माली काका का अन्तिम संस्कार किया गया |
वे परिवार में अकेले बड़े सदस्य थे उनके परिवार में कोई और बड़ा नहीं था | बच्चे
छोटे थे | उनके खेतों की देखभाल करने वाला भी कोई नहीं था
|
दोनों दोस्तों ने मिलकर अपने - अपने पिताजी से बात की और माली काका के परिवार
की मदद करने की बात कही | अमन और रमन के माता
- पिता बच्चों की दूसरों की सहायता करने इस उत्तम सोच पर बहुत खुश होते हैं
और माली काका के परिवार की मदद को तैयार हो जाते हैं | आज माली काका का परिवार ख़ुशी - ख़ुशी जीवन जी रहा है |
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