Thursday, 21 October 2021

मेहनत का फल - कहानी ( कहानीकार - मन्नत - कक्षा - आठवीं - अ ) केंद्रीय विद्यालय सुबाथू

मेहनत का फल कहानी ( कहानीकार - मन्नत - कक्षा - ) केंद्रीय विद्यालय सुबाथू प्रेरणा - अनिल कुमार गुप्ता , पुस्तकालय अध्यक्ष के वी सुबाथू कहानी - अशोक मिश्रा अपनी पत्नी , दो बच्चों तपस्या और ओजस के साथ अपने माता - पिता के साथ शहर की एक बड़ी सी कॉलोनी में रहते थे | तपस्या पढ़ाई में बहुत अच्छी थी साथ ही वह अपने घर के सभी कामों में अपनी माँ का हाथ बंटाती थी | घर में तपस्या को सभी का पूरा - पूरा प्यार और स्नेह मिलता था | दूसरी ओर ओजस पढ़ाई में कमजोर था और घर में कामों में भी हाथ नहीं बंटाता था | ओजस का मन खेलकूद में बहुत लगता था | ओजस की लिखाई भी बहुत अच्छी नहीं थी | उसे हमेशा इसके लिए डांट पड़ती थी | एक दिन स्कूल में सुलेख की प्रतियोगिता के आयोजन के बारे में बताया गया कि यह प्रतियोगिता अगले सप्ताह आयोजित की जायेगी | सभी बच्चे अपनी लिखाई को सुधारें और सुन्दर लिखाई कर बहुत से ईनाम पायें | तपस्या इस प्रतियोगिता की तैयारी में जुट गयी | ओजस उसे तैयारी करते देखता था फिर भी उसे अपनी लिखाई सुन्दर बनाने की कोई चाह नहीं थी | प्रतियोगिता का दिन आया | तपस्या ने तैयारी कर रखी थी इसलिए उसे कोई परेशानी नहीं हुई | और जब परिणाम घोषित हुआ तो तपस्या स्कूल में पहले स्थान पर आई | घर में सब तपस्या की इस उपलब्धि पर खुश थे | तपस्या को बहुत ही सुन्दर इनाम मिला | जबकि ओजस को कोई स्थान नहीं मिला | ओजस को इस घटना के बाद एहसास हो गया कि मेहनत से ही हम कुछ हासिल कर सकते हैं | इसके बाद ओजस ने भी मेहनत करना शुरू कर दिया | उसे भी मेहनत से मिलने वाली ख़ुशी का आभास हो गया था | घर में सभी ओजस के इन प्रयासों की सराहने करने लगे | घर में ख़ुशी का वातावरण बन गया |

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