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Thursday, 11 April 2019

जिन्दगी - कविता ( द्वारा - महक वर्मा - कक्षा – नवमी – अ )


जिन्दगी

द्वारा

महक वर्मा
कक्षा – नवमी – अ

जिन्दगी एक पहेली है
चाल जिसकी अलबेली है

कभी गिराती है
कभी उठाती है

ये जिन्दगी है जनाब
एक दिन अपनी असलियत
जरूर दिखाती है

इस जिन्दगी में
दुःख तो सब को है
पसर उस दुःख को
मुस्कराहट से छुपाना
मुश्किल है

जिन्दगी में रोते सब हैं
पर उस रोने को
मुस्कराहट से छुपाना मुश्किल है
मुस्कराहट से छुपाना मुश्किल है

तो ये जिन्दगी जीना सीख लो
क्योंकि जिन्दगी एक पहेली है
चाल जिसकी अलबेली है


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