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Thursday, 11 April 2019

माँ - कविता ( द्वारा - विशाली - कक्षा – नवमी – अ )


 माँ

द्वारा

विशाली

कक्षा – नवमी – अ

माँ भूलती नहीं
याद रखती है
हर टूटा सपना
नहीं चाहती है
कि उसकी बेटी को भी पड़े
उसी की तरह आग में तपना

माँ जानती है
जिन्दगी के बाग़ में
फूल कम
कठिनाइयां अधिक हैं

उसे यह भी ज्ञात है
की समय सदा साथ नहीं देता
हमें समय का साथ देना होगा

माँ का एक ही
सपना होता है
कि उसकी राजकुमारी को
जिन्दगी की सारी खुशियाँ नसीब हों

माँ भूलती नहीं
याद रखती है
हर टूटा सपना
नहीं चाहती है
कि उसकी बेटी को भी पड़े
उसी की तरह आग में तपना


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