Monday, 15 April 2019

Library activity during library period by Class - VIII - A students



Bhumika - VIII - A 


Kamakshi - VIII - A 


Gurpreet Kaur -- VIII- A 



Gurpreet Kaur -- VIII- A 




Eshika Kaur -- VIII - A 


Mansi - VIII - A 



Mansi - VIII - A 


Bhumika Sehgal  - VIII - A 





Literary activity during library period by Class - VII - A students


Palak  - VII - A 



Aniket   - VII - A 



Dikshant  - VII - A 


Kanishak  - VII - A 


Palak -- VII - A 


Dikshant  - VII - A 


Tasim - VII - A 





Dikshant  - VII - A 


Kanishak  - VII - A 



Thursday, 11 April 2019

जिन्दगी - कविता ( द्वारा - महक वर्मा - कक्षा – नवमी – अ )


जिन्दगी

द्वारा

महक वर्मा
कक्षा – नवमी – अ

जिन्दगी एक पहेली है
चाल जिसकी अलबेली है

कभी गिराती है
कभी उठाती है

ये जिन्दगी है जनाब
एक दिन अपनी असलियत
जरूर दिखाती है

इस जिन्दगी में
दुःख तो सब को है
पसर उस दुःख को
मुस्कराहट से छुपाना
मुश्किल है

जिन्दगी में रोते सब हैं
पर उस रोने को
मुस्कराहट से छुपाना मुश्किल है
मुस्कराहट से छुपाना मुश्किल है

तो ये जिन्दगी जीना सीख लो
क्योंकि जिन्दगी एक पहेली है
चाल जिसकी अलबेली है


माँ - कविता ( द्वारा - विशाली - कक्षा – नवमी – अ )


 माँ

द्वारा

विशाली

कक्षा – नवमी – अ

माँ भूलती नहीं
याद रखती है
हर टूटा सपना
नहीं चाहती है
कि उसकी बेटी को भी पड़े
उसी की तरह आग में तपना

माँ जानती है
जिन्दगी के बाग़ में
फूल कम
कठिनाइयां अधिक हैं

उसे यह भी ज्ञात है
की समय सदा साथ नहीं देता
हमें समय का साथ देना होगा

माँ का एक ही
सपना होता है
कि उसकी राजकुमारी को
जिन्दगी की सारी खुशियाँ नसीब हों

माँ भूलती नहीं
याद रखती है
हर टूटा सपना
नहीं चाहती है
कि उसकी बेटी को भी पड़े
उसी की तरह आग में तपना


के वी सुबाथू - सन्देश पत्र - 2018 - 19