DIGITAL REPOSITORY FOR EDUCATORS, TEACHERS AND STUDENTS.
▼
▼
▼
▼
▼
▼
▼
▼
▼
▼
▼
▼
▼
▼
▼
▼
▼
▼
▼
▼
▼
▼
▼
▼
E-newspapers
▼
▼
▼
▼
▼
▼
▼
▼
▼
▼
▼
▼
▼
▼
▼
▼
▼
▼
▼
▼
▼
Monday, 20 August 2018
Thursday, 9 August 2018
Monday, 6 August 2018
Saturday, 4 August 2018
Thursday, 2 August 2018
कोरे मन पर कितना कुछ लिख देती किताबें द्वारा अनिल कुमार गुप्ता पुस्तकालय अध्यक्ष केंद्रीय विद्यालय सुबाथु (पूर्व विद्यालय – के वी सिवनी एवं फाजिल्का)
कोरे मन पर कितना कुछ लिख
देती किताबें
द्वारा
अनिल कुमार गुप्ता
पुस्तकालय अध्यक्ष
केंद्रीय विद्यालय सुबाथु
(पूर्व विद्यालय – के वी सिवनी एवं फाजिल्का)
कोरे मन पर
कितना कुछ
लिख देती किताबें
मन के कोने में
बाट टोह रहे
अनसुलझे प्रश्नों का
जवाब देती किताबें
क्या , क्यों और कैसे ?
इन प्रश्नों से जूझ रहे
बालमन का जवाब
होती पुस्तकें
आखिर ऐसा क्यों होता है ?
ऐसे आश्चर्यजनक तथ्यों का
भण्डार होती किताबें
संस्कृति और संस्कारों का
विस्तार होती किताबें
सपनों के साकार होने का
आधार होती किताबें
संवेदनाओं का विस्तार होती किताबें
संस्मरणों की धरोहर होती किताबें
पीढ़ी दर पीढ़ी
विचारों, चिन्तनों का
विस्तार होती किताबें
आसमां की उड़ान का
आधार होती किताबें
एक आदमी के
आम से विशेष होने का
सफ़र होती किताबें
वक़्त के कैनवास पर
जिन्दगी का कोलाज बन
संवरती किताबें
सृजन का आधार होती किताबें
सही और गलत
भले और बुरे का
भान होती किताबें
ये अनोखी दुनिया है किताबों की
अतिविशिष्ट ऊर्जा का संचार करती किताबें
युगों की नींद से जगाकर
झकझोर देने का माद्दा रखती किताबें
दर्शन , धर्म, आध्यात्म और मोक्ष, ज्ञान - विज्ञान का
विस्तार होती किताबें
गीत और संगीत का मर्म बन
जिन्दगी संवारती किताबें
“जियो और जीने दो” का मर्म बन
जिन्दगी संवारती किताबें
किताबें , कल , आज और कल को
संजोती , संवारती
जिन्दगी में पिरोती
किताबें , किताबें , किताबें ....................